शिव जी ने आकर प्रात:
मुझसे कहा
उठो भक्त -वत्सला
मैं आया हूँ
और सम्मुख तेरे खड़ा
मैं तब गहरी नींद में थी
फिर भी भीतर ध्यान मग्न थी मेरी अवचेतना ....
तुम ॐ सत रज तम गुणा
प्रकाश पुंज से अब मेरा तन मन हैं सना
जय श्री शंकर जय श्री मां पार्वती जय गणेशा ॥
जय अर्ध शशि जय डमरू ..जय त्रिशूल जय नंदी ॥जय सिंह ..
जय मां गंगे जय जय ...श्री नागेशा
ॐ नम : शिवाया बोलो हमेशा
जय करतल जय श्वेत शंख जय मृदंग जय घंटा
जय अमृत कुम्भ जय ताम्र -पत्र जय सुमन अनंत रंगा
जय जय शिवपुरी जय जय मंदिर में प्रज्वलित दीप शिखा
हे जय जय जय ॥शिव शिवा
हर हर हर ..महादेवा -
मां अम्बे दिव्या
बरखा ज्ञानी
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