Sunday, 28 March 2010

उठो भक्त वत्सला


शिव जी ने आकर प्रात:


मुझसे कहा


उठो भक्त -वत्सला


मैं आया हूँ


और सम्मुख तेरे खड़ा

मैं तब गहरी नींद में थी

फिर भी भीतर ध्यान मग्न थी मेरी अवचेतना ....

तुम ॐ सत रज तम गुणा

प्रकाश पुंज से अब मेरा तन मन हैं सना


जय श्री शंकर जय श्री मां पार्वती जय गणेशा ॥

जय अर्ध शशि जय डमरू ..जय त्रिशूल जय नंदी ॥जय सिंह ..

जय मां गंगे जय जय ...श्री नागेशा

ॐ नम : शिवाया बोलो हमेशा


जय करतल जय श्वेत शंख जय मृदंग जय घंटा

जय अमृत कुम्भ जय ताम्र -पत्र जय सुमन अनंत रंगा


जय जय शिवपुरी जय जय मंदिर में प्रज्वलित दीप शिखा

हे जय जय जय ॥शिव शिवा


हर हर हर ..महादेवा -

मां अम्बे दिव्या


बरखा ज्ञानी

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